नरैनी श्रीराम जन्म, मुनि आगमन और ताड़का वध की रामलीला देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। ताड़का वध के मंचन के दौरान दर्शकों का खूब मनोरंजन हुआ। पनगरा गांव स्थित दिव्य चिकित्सा भवन परिसर में खजुरी ताल सतना की प्रसिद्ध रामलीला मंडली ने दूसरे दिन सुंदर और मनमोहक रामलीला का मंचन किया। राजा दशरथ के चार पुत्रों का जन्म होते ही पटाखों और आतिशबाजी से परिसर गूंज उठा साथ ही भगवान का भव्य जन्मोत्सव मनाया गया और कर्ण प्रिय बधाई गीत गाए गए। महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को अपने साथ यज्ञ रक्षा के लिए ले गए। जहां वन मार्ग में उन्होंने विकराल राक्षसी ताड़का और सुबाहु का वध कराया। मारीच को भगवान राम ने बिना फर का बाण मारा जिससे वह समुद्रपार सौ योजन दूर लंका में जा गिरा। रामलीला का मंचन कर रहे कलाकारों के सुंदर और जीवंत अभिनय से दर्शक मंत्रमुग्ध होकर रामलीला परिसर में डटे रहे। इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक आचार्य डा. मदन गोपाल बाजपेई, अनंतराम त्रिपाठी, विष्णुकांत त्रिपाठी, वाल्मीकि द्विवेदी, राकेश कुमार द्विवेदी, रामबाबू तरखरी, जगदीश प्रसाद, सचिन तिवारी, सीताशरण यादव सहित क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने रामलीला का आनंद लिया।