लखनऊ। आज देश कोरोना महामारी से बदहाल है और वहीं पर बढ़ती बेरोजगारी से हर घर मे रोजी रोटी का सवाल खड़ा कर दिया है। कोविड19 से पीड़ित व्यक्ति पुनः स्वस्थ हो जा रहा है लेकिन जिसकी नौकरी या व्यापार चला गया उसका क्या होगा ऐसा लगता है कि लोग पैसे के अभाव में अपनी जरूरतें पूरी ना होने के कारण वह कोविड19 से पीड़ित होने से पहले मर जाएंगे ।आइए इन दोनों समस्याओं को समझते हैं।
कोरोना महामारी से देश में ऐसा परिस्थिति पैदा हुई है जिससे आज देश की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है।समस्याओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश की सरकारी अस्पताल और प्राइवेट नर्सिंग होम में बेड की कमी हो गई है डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी कर्मियों को PPE Kit की कमी हो रही है।मौतों का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है हर रोज कई हजारों की मौत की खबरें आ रही है और कहीं कहीं कहीं स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही की भी खबरें आ रही हैं।अस्पतालों में तरह-तरह की खेल हो रहे हैं कभी किसी की करोना पॉजिटिव बताया जाता है कभी उसी व्यक्ति को नेगेटिव भी बताया जाता है इस तरह लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है, वहीं पर अधिक मौतों के कारण शमशान में दास संस्कार के लिए बेटिंग करना पड़ा है। देश में ऐसी हालात पैदा हो गया है कि लोग दहशत में जीवन यापन रहे हैं।सरकार के मंत्री विधायक सांसद भी करोना पॉजिटिव भी हो रहे है मौजूदा सरकार इस महामारी से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है जिससे महामारी पर नियंत्रण किया जा सके। हर रोज मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है लोगों जीवन का खतरा बढ़ गया है।
कोरोना महामारी से आज बेरोजगारी बढ़ गई है क्योंकि आज फैक्ट्रियों में ताला लटक गया है। मार्च से अब तक दो करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हुए जीडीपी - 24 तक पहुंच गया है। हाल यह हो गया है कि लोग अब आत्महत्या तक कर रहे हैं लोग फाइनेंस कंपनियों की लोन किस्त, स्कूल का फीस ,दवाई आदि पर पैसा देना पड़ रहा है। लोगों को खर्चा वही है लॉक डाउन के कारण सब्जियों और रोजमर्रा की चीजें महंगी हुई हैं, यहां तक पेट्रोल, डीजल भी महंगा हुआ है आज हाल ऐसा है कि लोगों की कहीं से कोई राहत नहीं मिल रही है और देश के लिए गंभीर मुद्दा है इसको सरकार को गहनता से लेनी चाहिए और जल्दी इसका निवारण करनी चाहिए।